काली खांसी - काली खांसी के लक्षण और इसके घरेलु इलाज



काली खांसी को हम व्हूपिंग कफ भी कहते हैं। यह एक ऐसी खतरनाक  बीमारी है जो 5 से 15 साल तक के बच्चों को होती है। भारत के इतने  विशाल होने के बावजूद भी एक लाख की आबादी में 578 बच्चे काली खांसी का शिकार होते हैं जब कोई बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है और उसे काली खांसी जैसी बीमारी हो जाए तो उसमें मौत दर ज्यादा होती है।




वैसे तो काली खांसी साल के किसी भी महीने में हो सकती है पर ज्यादातर यह बीमारी सर्दियों के मौसम में ही होती है और इस बीमारी में बच्चे को बार-बार उल्टियां ओर खांसी होने से बच्चे अक्सर शारीरिक रूप से बहुत कमजोर पड़ जाते हैं। अगर बो कुछ भी खाते या पीते हैं तो उनकी खांसी शुरू हो जाती है। कई बार तो ऐसा भी होता है जब बच्चों को दवा दी जाती है तो कभी-कभी उलटी आने से दवा भी निकल जाती है और जितना भी भोजन खाते हैं वो भी बाहर निकल जाता है। बच्चे जब बिसतर पर होते हैं तो उन्हें उस समय ज्यादा खांसी आनी शुरू हो जाती है।

लक्षण :-
1.     इस रोग का मूल कारण है, एक जीवाणु , जिसे 'हीमोफिबस परटूसिस ' कहा जाता है।

2.     बच्चों में इस रोग के लक्षण 15-20 दिन बाद ही दिखाई देने लगते हैं।

काली खांसी लगभग 4 हफ्ते  तक रहती है और इस बीमारी को हम 3 चरणों में बांटते हैं।

चरण - 1



इन लक्षणों में खांसते-खांसते आँखों से पानी आने लग जाता है,छींकें आती हैं, नाक बहने लग जाता है, भूख कम लगती है और रात को सोते समय खांसी भी आती है।

 चरण - 2

इस लक्षण में लगातार खांसी आती रहती है और जब कोई बीमार व्यक्ति साँस लेने की कोशिश करता है तब भोंकने जैसी आवाज आती है।

 चरण - 3

इसमें सुधार की प्रक्रिया आती है जबकि इसमें न तो खांसी लगातार होती है और ना तो गम्भीर होती है।

उपचार :-

काली खांसी स्वयं एक सीमित रोग है। इसलिए उन रोगियों को लाक्षणिक इलाज पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भली प्रकार देखभाल और लाक्षणिक इलाज से रोग द्वारा उत्पन्न होने वाले विकार भी शांत हो जाते हैं।

1.     केले के पत्ते को जलाकर राख बनाएं यह राख एक-एक रत्ती बच्चे को चटायें, इसके कुछ दिन प्रयोग से बच्चे की काली खांसी ठीक हो जाती है।

2.     काली बकरी का दूध 100 ग्राम से 250 ग्राम तक दो सप्ताह तक पिलाने से काली खांसी ठीक हो जाती है।



3.     भटकटैया के रेशों को छाया में सुखाकर 3-4 ग्रेन रेशे तीन ग्राम शहद में मिलाकर दिन में 5-7 बार चाटने से काली खांसी में आराम होता है। बच्चों को सिर्फ 1ग्रेन की मात्रा में दवा दें।

4.     दहीं 2 चम्मच, चिन्नी 1 चम्मच, काली मिर्च का चूर्ण 4 ग्रेन मिलाकर चाटने से बच्चों की काली खांसी मिट जाती है।

5.     काली खांसी दूर करने के लिए मकई को तबे पर जलाकर २ रत्ती की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2-3 बार चाटना चाहिए।

6.     6 ग्राम नारियल का तेल छोटे बच्चों को पिलाने से काली खांसी में बहुत शीघ्र लाभ होता है।

7.     भुनी हुई फिटकरी 1 रत्ती में 1 रत्ती शकर मिलाकर दिन में 3 बार खाने से 5 दिन में काली खांसी मिट जाती है।

8.     कुंजा, बड़ी पीपल, छोटी पीपल, बड़ी हरड़ 1-1 नग, नमक 8 ग्रेन तथा  ढाई पत्ते  बांस के कूटकर 125 ग्राम पानी डालकर किसी मिट्टी के बर्तन में आग पर चढा दें, जब एक चौथाई पानी शेष रह जाये, तब मिट्टी के बर्तन में छान लें। 3-3 ग्राम दवा दिन में 3-4 बार पिलाने से काली खांसी का शमन होता है।

 जो  ऊपर  काली खांसी के लक्षण और उपचार बताये गए हैं,  इन   सबको ध्यान में रखते हुए अगर आप चाहते हो की किसी भी बच्चे  को यह बीमारी न हो तो सिर्फ 2 बातों का ध्यान रखना चाहिए :-

1.सबसे पहले साफ़ सफाई होनी ज्यादा जरूरी है और सर्दियों के मौसम में बच्चों को ठंड से बचाएं तांकि उन्हें खांसी जैसी बीमारी से बचाया जा सके।

2.बच्चे को खांसी लगातार हो रही हो तो उसे तुरन्त डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए और याद रखिए आपकी समझदारी ही आपके बच्चे को सेहतमंद रख सकती है।

 
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